अर्थशास्त्र
लघु उत्तरीय प्रश्न
Q1."राष्ट्रीय आय" की गणना में होने वाली कठिनाइयों का वर्णन करें।
उत्तर- राष्ट्रीय आय की गणना करने में कई प्रकार की कठिनाइयाँ उत्पन्न होती है। इनमें पहली कठिनाई पर्याप्त एवं विश्वसनीय आँकड़ों की कमी है। भारत जैसे अर्द्धविकसित एवं पिछड़े हुए देशों में यह कठिनाई और अधि के होती है। राष्ट्रीय आय की गणना करते समय कई बार एक ही आय को दुबारा गिन लिया जाता है। देश में उत्पादित बहुत-सी वस्तुओं का मुद्रा के विनिमय नहीं होता है। अतएव, राष्ट्रीय आय को मापने में इस कारण भी द्वारा कठिनाई होती है कि इस प्रकार की वस्तुओं का मूल्यांकन कैसे किया जाए।
Q2. A.T.M (एन्टी०एम) क्या है?
उत्तर-ए. टी. एम. कार्ड को ए टी एम सह डेबिट कार्ड भी कहा जाता है। प्लास्टिक मुद्रा के रूप में प्रचलित आज इस मुद्रा का प्रयोग विनिमय क्रिया को सम्पादित करने किया जा रहा है। ए- टी· एम० (Automatic Teller Machine) 24 घण्टे रुपये निकालने तथा जमा करने की सुविधा प्रदान करता है। ए. टी. एम. के लिए एक गुप्त पीन (Code) होता है जिसे बगैर जाने ए.टी.एम. का संचालन सम्भव नहीं।
Q3.आधारभूत संरचना किसे कहते हैं?
उत्तर-आधारिक संरचना या आधारभूत संरचना का आशय वैसे सुविधाओं या सेवाओं से है जो देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। आधारिक संरचना की श्रेणी में, बिजली, परिवहन, संचार, बैंकिंग, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, रेल, सड़क आदि आते हैं। देश के विकास के साथ आधारिक संरचना का सम्बन्ध समानुपातिक है। जिस अनुपात में आधारिक संरचना का विकास होता जाएगा उसी अनुपात में आर्थिक विकास दर भी बढ़ता चला जाएगा।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
Q4. राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान किसे कहते हैं? इसे कितने भागों में बाँटा जाता है? वर्णन करें।
उत्तर- राष्ट्रीय स्तर की वित्तीय एवं साख नीतियों का निर्धारण एवं निर्देशन, वित्त प्रबंधन के कार्यों को सम्पादित करने वाली संस्थाएँ राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएँ कहलाती हैं इनके दो महत्त्वपूर्ण अंग हैं-भारतीय मुद्रा बाजार तथा भारतीय पूँजी बाजार। भारतीय मुद्रा बाजार उद्योग एवं व्यवसाय के क्षेत्र के लिए अल्पकालीन एवं मध्यकालीन वित्तीय व्यवस्था का प्रबंधन करता है। यदि उद्योग एवं व्यवसाय के लिए दीर्घकालीन वित्तीय व्यवस्था एवं प्रबंधन किया जाता है तो यह भारतीय पूँजी बाजार है।
भारतीय मुद्रा बाजार:- यह संगठित और असंगठित क्षेत्रों में विभक्त है। संगठित क्षेत्र के अंतर्गत वाणिज्य बैंक, निजी क्षेत्र के बैंक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक तथा विदेशी बैंक शामिल हैं। असंगठित क्षेत्र के अन्तर्गत देशी बैंकर जिनमें गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनियाँ हैं। संगठित बैंकिंग प्रणाली तीन प्रकार की बैंकिंग व्यवस्था से मिलकर बनी है—केन्द्रीय बैंक, वाणिज्य बैंक तथा सहकारी बैंक।
भारतीय पूँजी बाजार का वर्गीकरण: यह प्रतिभूति बाजार, औद्योगिक बाजार, विकास वित्त संस्थान तथा गैर बैंकिंग वित्त कम्पनियाँ में में विभक्त है।
Q5. उपभोक्ता के कौन-कौन से अधिकार हैं? प्रत्येक अधिकार को सोदाहरण लिखें।
उत्तर-उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 ई- में एक महत्वपूर्ण अधिनियम है, जिसमें उपभोक्ताओं को बाजार में बेची जानेवाली वस्तुओं के सम्बन्ध में संरक्षण का अधिकार दिया गया है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 6 उपभोक्ताओं को कुछ अधिकार देती है जो निम्नलिखित हैं:
(i) सुरक्षा का अधिकार उपभोक्ता को ऐसे वस्तुओं और सेवाओं से सुरक्षा के अधिकार प्राप्त हैं जिनसे उसके शरीर या सम्पत्ति को हानि पहुँचती है।
(ii) सूचना पाने का अधिकार-जिस वस्तु या सेवा की खरीददारी उपभोक्ता करता है उसके बारे में सभी आवश्यक सूचना पाने का अधिकार उसे है।
(iii) चुनाव या पसंद करने का अधिकार उपभोक्ता को विभिन्न निर्माताओं द्वारा निर्मित वस्तुओं में से किसी के चुनाव का अधिकार है, दुकानदार उस वस्तु को किसी उपभोक्ता पर थोप नहीं सकता।
(iv) सुनवायी का अधिकार यदि उपभोक्ता का हित प्रभावित हो रहा है तो वह इन बातों को उपयुक्त मंच पर रखने का अधिकार रखता है।
(v) शिकायत निवारण या क्षतिपूर्ति का अधिकार यह अधिकार उपभोक्ता को मुआवजा का अधिकार देता है, यदि वस्तु या सेवा में किसी भी प्रकार का खोट निकल जाए।
(vi) उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार एक सजग उपभोक्ता हेतु निरंतर शिक्षा पाने का अधिकार सभी उपभोक्ता को है। यदि दुकानदार नकली वस्तु देता है तो हम पहले शिकायत जिला फोरम में करेंगे। असन्तुष्ट होने पर राज्य फोरम तदोपरांत राष्ट्रीय फोरम जा सकते हैं। अंततः 30 दिनों के अन्दर उच्चतम न्यायालय (SC) में अपील करेंगे। यदि हम कोई पैकेट बन्द सामान खरीदने जाते हैं, तो निम्न बातों का ध्यान रखेंगे- (i) वह किस ब्राण्ड का है, (ii) उसका उत्पादन एवं समाप्ति तिथि देखेंगे, (iii) वजन, (iv) मिलावट आदि का ध्यान रखेंगे।