लोकतंत्र की उपलब्धियाँ
यदि हम लोकतंत्र की उपलब्धियों का मूल्यांकन करते हैं तो पाते हैं कि लोकतंत्र नागरिकों में समानता लाने में मदद करता है, व्यक्ति की गरिमा को बढ़ाता है, इससे फैसलों में बेहतरी आती है, यह टकरावों को टालने का तरीका देता है और उसे सम्भालने का भी, इसमें गलतियों को सुधारने की काफी गुंजाइश रहती है। लोकतंत्र ही ऐसा शासन देता है जिसमें शासक दल में उत्तरदायित्व का बोध रहता है। वे जिम्मेदारी से काम करते. हैं और उनके काम संवैधानिक रूप से वैध होते हैं। उन्हें न्यायपालिका का भी भय रहता है। लोकतांत्रिक शासन ही ऐसा शासन है, जिससे जनता कुछ बेहतरी की आशा कर सकती है। स्पष्टतः लोकतांत्रिक शासन निश्चय ही अन्य शासनों से बेहतर है। लेकिन ऐसे शासन में भ्रष्टाचार की गुंजाइश भी रहती है। भ्रष्टाचार में पकड़े जाने पर नेताओं की काफी छिछालेदार होती है। कभी-कभी उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ती है।
देश की आर्थिक संवृद्धि तथा उसका विकास लोकतंत्रीय शासन का उद्देश्य होता है, लेकिन उस विकास का लाभ आम जनता तक पहुँचना चाहिए, न कि केवल कुछ धन-कुबेरों तक ही। भारत इस मामले में काफी पीछे है। लोग गरीब होते जा रहे हैं। कहने के लिए है कि लोकतंत्र में असमानता और गरीबी में कमी आती है, लेकिन भारत में ऐसा होते नहीं दिखाता। गरीबों की आवाज ऊपर तक नहीं पहुँच पाती।
लोकतंत्र में सामाजिक विविधताओं में सामंजस्य बिठाकर चलना पड़ता है। माना कि यह बहुमत का शासन है, लेकिन अल्पमत वालों की आवश्यकताओं पर भी बराबरी का ध्यान रखना पड़ता है। इस शासन में नागरिकों की गरिमा बनी रहती है। कोई भी दल नागरिकों की अवहेलना नहीं कर सकता।