यूरोप में राष्ट्रवाद
राष्ट्रवाद आधुनिक विश्व की राजनैतिक जागृति का प्रतिफल है। यह एक ऐसी भावना है जो किसी विशेष भौगोलिक, सांस्कृतिक या सामाजिक परिवेश में रहने वाले लोगों में एकता की वाहक बनती है।
राष्ट्रवाद का उद्भव
- राष्ट्रवाद का अर्थ है, एक ऐसी भावना जो किसी विशेष क्षेत्र, संस्कृति या समाज में रहने वाले लोगों में एकता लाने का कार्य करती है।
- फ्रांसीसी क्रांति (1789) से राष्ट्रवाद की भावना को गति मिली, जो 19वीं सदी में आक्रामक रूप में उभरी।
फ्रांसीसी क्रांति और नेपोलियन का प्रभाव
- फ्रांसीसी क्रांति ने राजनीति को विशेष वर्ग से बाहर निकालकर आम जनता तक पहुँचाया।
- नेपोलियन ने जर्मनी और इटली के एकीकरण के लिए आधार बनाया, लेकिन फ्रांसीसी प्रभुता से विरोध भी उत्पन्न हुआ।
- 1815 का वियना सम्मेलन: मेटरनिख के नेतृत्व में प्रतिक्रियावादी व्यवस्था की पुनर्स्थापना का प्रयास, लेकिन राष्ट्रीयता और जनतंत्र की भावना बढ़ती रही।
जुलाई 1830 की क्रांति (फ्रांस)
- चार्ल्स-X के निरंकुश शासन के विरोध में पेरिस में आंदोलन हुआ, जिसे जुलाई 1830 की क्रांति के रूप में जाना गया।
- लुई फिलिप ने उदारवादी नीतियाँ अपनाईं और संवैधानिक गणराज्य की स्थापना की।
1830 की क्रांति का प्रभाव
यह क्रांति यूरोप में मध्यम वर्ग और जनसत्ता के उदय का प्रतीक थी। इटली, जर्मनी, ग्रीस, पोलैंड, और हंगरी में राष्ट्रीयता का प्रसार हुआ।
1848 की क्रांति (फ्रांस)
- लुई फिलिप की सरकार के खिलाफ आंदोलन ने गणतंत्र की स्थापना की।
- इस क्रांति ने फ्रांस के अलावा इटली, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, स्पेन जैसे कई यूरोपीय देशों में राष्ट्रीयता और संवैधानिक सुधारों का मार्ग प्रशस्त किया।
इटली का एकीकरण
- 19वीं सदी की शुरुआत में इटली भौगोलिक और सांस्कृतिक रूप से बँटा हुआ था।
- मेजिनी और कार्बोनारी जैसे समूहों ने स्वतंत्र गणराज्य के लिए संघर्ष किया।
- विक्टर इमैनुएल और काउंट कावूर की नीतियों और गैरीबाल्डी के संघर्षों के परिणामस्वरूप 1871 तक इटली एकीकृत हो सका।
जर्मनी का एकीकरण
- बिस्मार्क की कूटनीति ने जर्मनी के छोटे-बड़े राज्यों को एकीकृत किया।
- 1864 में डेनमार्क और 1866 में ऑस्ट्रिया के खिलाफ युद्ध जीतकर जर्मन राष्ट्रवाद को सुदृढ़ किया।
- 1870 में फ्रांस के साथ युद्ध के बाद, जर्मनी का एकीकरण पूरा हुआ।
यूनान में राष्ट्रीयता का उदय
- यूनान पर तुर्कों का प्रभुत्व था, लेकिन फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव से वहाँ भी राष्ट्रवादी आंदोलन शुरू हुए।
- 1829 में यूनान को स्वायत्तता मिली और 1832 में स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित हुआ।
हंगरी और पोलैंड में राष्ट्रीयता
- हंगरी ने कोसूथ के नेतृत्व में ऑस्ट्रिया के खिलाफ स्वतंत्रता का आंदोलन किया, और 1848 की क्रांति के बाद राष्ट्रीय अस्मिता प्राप्त की।
- पोलैंड में भी रूसी प्रभुत्व के खिलाफ राष्ट्रवादी विद्रोह हुए।
निष्कर्ष
यूरोप में राष्ट्रीयता का प्रसार 19वीं शताब्दी में एकीकरण और स्वतंत्रता आंदोलनों के माध्यम से हुआ। राष्ट्रवाद के कारण जहाँ एक ओर यूरोप के मानचित्र में बदलाव आया, वहीं दूसरी ओर अफ्रीकी और एशियाई उपनिवेशों में भी स्वतंत्रता के लिए प्रेरणा मिली।
इस प्रकार यूरोप में जन्मी राष्ट्रीयता की भावना ने प्रथमतः यूरोप को एवं अंततः पूरे विश्व को प्रभावित किया।
यूरोप में राष्ट्रवाद - प्रमुख घटनाएँ
क्रमांक | घटना | वर्ष | विवरण | महत्व |
---|---|---|---|---|
1 | फ्रांसीसी क्रांति | 1789 | फ्रांस में राजा की तानाशाही के खिलाफ विद्रोह हुआ। | लोगों में समानता, स्वतंत्रता, और भाईचारे की भावना जागी। |
2 | नेपोलियन का उदय | 1804 | नेपोलियन ने फ्रांस का सम्राट बनकर यूरोप के कई हिस्सों में अपने कानून लागू किए। | नेपोलियन कोड ने यूरोप में कई स्थानों पर आधुनिक कानून व्यवस्था की नींव रखी। |
3 | वियना सम्मेलन | 1815 | नेपोलियन के पतन के बाद विजयी शक्तियों ने वियना में पुरानी व्यवस्था बहाल की। | प्रतिक्रियावादी शक्तियों ने पुरानी राजशाही की पुनर्स्थापना की। |
4 | जुलाई 1830 की क्रांति | 1830 | फ्रांस में चार्ल्स-X के निरंकुश शासन के खिलाफ विद्रोह हुआ। | लुई फिलिप ने उदारवादी नीतियाँ अपनाईं। |
5 | 1848 की क्रांति | 1848 | फ्रांस में फिर से क्रांति हुई, जिसने अन्य देशों में राष्ट्रीयता को प्रेरित किया। | संवैधानिक सुधार और एकीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई। |
6 | इटली का एकीकरण | 1871 | मेजिनी, काउंट कावूर और गैरीबाल्डी ने इटली को एकजुट किया। | इटली का एकीकरण हुआ और वह एक स्वतंत्र राष्ट्र बना। |
7 | जर्मनी का एकीकरण | 1871 | बिस्मार्क की कूटनीति और युद्धों के माध्यम से जर्मनी को एकीकृत किया गया। | जर्मनी एक एकीकृत और शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभरा। |
8 | यूनान का स्वतंत्रता संघर्ष | 1821-1832 | यूनान ने तुर्की साम्राज्य से आजादी के लिए संघर्ष किया और स्वतंत्र हुआ। | यूनान की स्वतंत्रता ने राष्ट्रीयता और आजादी की भावना को मजबूत किया। |